Friday 25 March 2016

pyaar me samajhdari se kaam le in hindi

Agar apne pyaar kiya hai to samajhdari se kaam le





प्यार के रिश्ते की शुरुआत करने में धीमी गति से आगे बढ़ने में ही समझदारी है। जब दो लोग किसी भी कारणवश बार-बार मिलते हैं तो काम के अलावा भी संवाद बनता है। रोजमर्रा की बातों में हँसी-मजाक भी शामिल होने लगता है। पहचान बढ़ती जाती है तो एक-दूसरे से कभी तबीयत का हालचाल भी पूछने लगते हैं।



कार्य या पढ़ाई आदि की समस्या आने पर सलाह-मशविरा भी करने लगते हैं। कैंटीन या किसी जगह साथ-साथ आना-जाना भी होता है। ज्यों-ज्यों सहजता बढ़ती जाती है प्रतिक्रिया ज्यादा निजी होती जाती है।



कपड़ों, हेयर स्टाइल, स्मार्ट लुक आदि की तारीफ करना या दुखी होने पर इसका कारण जानना ‍आदि आम बातचीत का हिस्सा बन जाता है। ये सारी बातें आम व्यवहारिकता की बातें हैं। इसे प्यार के रिश्ते की शुरुआत या बुनियाद नहीं कहा जा सकता। पर ऐसी ही सहज बातचीत को कई बार व्यक्ति बहुत ही गंभीरता से लेने लगता है। उसे उन सारी नोंक-झोंक और रोजमर्रा की बातों में प्यार का गुमान होने लगता है। इसलिए आमतौर पर यह वहम पाल लिया जाता है कि सामने वाला भी प्यार में मशगूल है। इसीलिए सभी सहज व्यवहार को विशेष दृष्टि से देखने की कोशिश की जाती है। यदि बीमार पड़ने पर हमदर्दी के साथ हालचाल पूछ लिया गया तो प्यार का अनुमान लगाने वाली बात और भी पक्की मान ली जाती है।
Allah ka mojza


और उसके बाद जब प्यार के गुमान में रहने वाला अपनी मन की बात उस व्यक्ति के समक्ष रखता है तो सामने वाला हक्का-बक्का सा रह जाता है क्योंकि वह खुद को सामान्य दोस्त से ज्यादा कुछ भी नहीं समझता है। बहुत संभव है कि उसका पहले से ही किसी के साथ प्यार का रिश्ता हो।



ऐसे में जब वह व्यक्ति अपनी स्थिति साफ करता है तो प्यार का इजहार करने वाले के पैर के नीचे से जमीन खिसक जाती है। कथित तौर पर हुए इस प्यार के साइड इफेक्ट्‍स नजर आने लगते हैं। उसे लगता है उसके साथ धोखा हुआ है। उसकी भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया गया है। वह यह मानने को तैयार नहीं होता है कि इतनी नजदीकियाँ नहीं थी कि उसे प्यार के रिश्ते के बारे में बताया नहीं जाता।



इसकी वजह से एक तो प्रेम का इजहार करने वाला व्यक्ति उस मनोदशा से निकल नहीं पाता है, दूसरा यह मायने भी निकाला जाता है कि सामने वाले की गलती है इसीलिए उसे गिल्ट फील हो रहा है। इससे इजहार करने वाले की स्थिति और भी गंभीर हो जाती है और उस भ्रम को तोड़ पाना कठिन हो जाता है।



सबसे दुखद यह होता है कि वह जीवन भर किसी के सामने कोई भी प्रस्ताव रखने से डरता है और किसी पर भरोसा नहीं कर पाता है। इसलिए प्यार के मामले में थोड़ी समझदारी से काम लेना जरूरी है।


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